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जामताड़ा में साइबर अपराधियों के खिलाफ 2023 का साल: ठगों को गिरफ्तार, कुछ ने अन्य राज्यों में लिया पनाह

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झारखंड के जामताड़ा जिले में साइबर क्राइम का बढ़ता हुआ कहर बना रहा है। 2023 में यहां के साइबर पुलिस के सशक्त कार्य के कारण जिले में साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में वृद्धि हुई है और यह सुर्खियों में बना रहा है। इस कार्रवाई के चलते ऑनलाइन अपराधों में कमी आई है और जामताड़ा जिला साइबर अपराध में अब 9वें स्थान पर है।

साइबर पुलिस ने करमटांड़, नारायणपुर, जामताड़ा और अन्य क्षेत्रों से साइबर ठगों को गिरफ्तार करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। इस साल में कुल 206 साइबर अपराधियों को पकड़ा गया है। इसके परिणामस्वरूप अपराधियों में हड़कंप फैला है और कई ठग अन्य राज्यों में पनाह लेकर ठगी का काम जारी रख रहे हैं। ये ठग विभिन्न राज्यों में बैठे हैं जैसे कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश आदि और वहां से लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं।

पुलिस ने बताया कि साल 2023 में जामताड़ा साइबर थाने ने 206 मामलों में से 73 केस दर्ज किए हैं। इन अपराधियों से 572 मोबाइल फोन, दो आईपैड, 930 सिमकार्ड, 122 एटीएम कार्ड, 15 विभिन्न बैंकों के पासबुक, 13 चेकबुक, एक रूरल कियोस्क बैंकिंग कार्ड, चार वाय-फाय डोंगल, 12 पॉश मशीन, 22 लाख 39 हजार 560 रुपये नकद, पांच पैन कार्ड, पांच आधार कार्ड, तीन वाहनों के कागजात, एक मॉनिटर, नौ लैपटॉप, दो सोने के चेन, एक सोने का लॉकेट, एक प्रिंटर, एक सीपीयू, 34 बाइक, पांच चार पहिया बरामद किया गया है।

साइबर डीएसपी मंजरुल होदा ने ठगों को चेतावनी दी है कि वे न केवल जिले से बचेंगे, बल्कि कोई भी साइबर अपराधी बचा नहीं रहेगा। उन्होंने कहा है कि ये गिरफ्तार होने वाले अपराधी जल्दी ही रिमांड पर लिए जाएंगे और साइबर अपराधी या तो इलाका छोड़ देंगे|

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साइबर अपराध: टीवी रिचार्ज के दौरान हुई ठगी, 2 लाख का चूना भरने में फंसा युवक

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देशभर में तकनीकी विकास के साथ ही साइबर अपराधों में भी वृद्धि हो रही है। बिहार के बांका जिले के रजौन प्रखंड के बरौनी गांव से एक नया मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने टीवी रिचार्ज के दौरान साइबर ठगी का शिकार होने की शिकायत की है। इस मामले में रजौन थाना पुलिस ने अब तक शिकायत को दर्ज किया है और साइबर सेल के साथ मामले की जांच कर रही है।

इस मामले के पीड़ित का नाम रितेश कुमार सिंह है, जिन्होंने बताया कि साइबर ठगों ने एक फर्जी लिंक के माध्यम से उनके मोबाइल को हैक कर लिया और उसके बैंक खाते से कुल 2 लाख 99 हजार 733 रुपये निकाल लिए।

ठगी का मोड़:

रितेश सिंह ने बताया कि उन्होंने 17 दिसंबर को प्राइम वीडियो ऐप का उपयोग करके अपने टीवी को 1499 रुपये का रिचार्ज करने का प्रयास किया था। इस क्रिया के दौरान उनके बैंक खाते से पैसा कट गया, लेकिन रिचार्ज नहीं हुआ। इसके बाद, एक कॉलर ने उन्हें कॉल किया और बताया कि उनका रिचार्ज नेटवर्क प्रॉब्लम के कारण नहीं हो सका है, और उसने उन्हें एक लिंक भेजा जिसको डाउनलोड करने के लिए कहा गया।

ठगी का खेल:

रितेश ने बताया कि वह लिंक डाउनलोड करने के बाद उसमें अपना खाता नंबर डालकर चेक करने को कहा गया। इसके बाद, एक और कॉल आया और उसको बताया गया कि उसके बैंक खाते में पैसा नहीं जा रहा है, इसलिए दूसरा खाता नंबर डालकर बैलेंस चेक करे। इसके बाद, रितेश के मोबाइल को हैक कर लिया गया और उनके एचडीएफसी बैंक खाते से 2 लाख रुपये और आईसीआईसीआई बैंक खाते से 99 हजार 733 रुपये कट गए।

पुलिस की कार्रवाई:

इस ठगी मामले के बाद, रितेश सिंह ने रजौन थान

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App Ban: Apple और Google ने हटाए गए ऐप्स; सरकार के आदेश का पालन करते हुए उठाए गए कदम

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कैसे हुआ बैन:

भारत सरकार के तहत डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम्युनिकेशन (DoT) के निर्देश के बाद, Google और Apple ने इंटरनेशनल eSIM सर्विस प्रदान करने वाले दो ऐप्स, Airalo और Holafly को अपने स्टोर से हटा दिया है। इसके साथ ही, सरकार ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और दूरसंचार कंपनियों से इन ऐप्स की वेबसाइटों को भी ब्लॉक करने का निर्देश दिया है।

प्रतिबंधित ऐप्स:

इस निर्देश के बाद, भारत में प्रदान की जाने वाली eSIM सेवाओं के दो ऐप्स, Airalo और Holafly, Google Play Store और Apple App Store से हटा दिए गए हैं। ये ऐप्स वैश्विक स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में eSIM दूरसंचार सेवाएं प्रदान करते हैं।

क्यों हुआ बैन:

सरकारी अधिकारी बता रहे हैं कि इन ऐप्स का उपयोग ठगी के लिए हो रहा था, जहां साइबर अपराधी निर्दोष नागरिकों को ठग रहे थे अंतरराष्ट्रीय फोन नंबरों के साथ अनधिकृत eSIM का उपयोग करके। इससे निर्दोष लोगों को ठगने में इन साइबर अपराधियों को सहारा मिल रहा था।

क्या है eSIM:

eSIM, या ’embedded SIM’, एक डिजिटल सिम कार्ड का रूप है जो भौतिक सिम कार्ड की तरह दिखता नहीं है, लेकिन इसकी तरह ही कार्रवाई करता है। इससे वॉयस कॉलिंग और इंटरनेट डेटा पैक का उपयोग किया जा सकता है। DoT ने अन्य eSIM प्रदाताओं जैसे Nomad eSIM, aloSIM को भारत में उपयोगकर्ताओं के लिए जारी रखने का निर्देश दिया है।

आगे की कदम:

बड़ी तकनीकी कंपनियों द्वारा यह ऐप्स हटाए जाने के बाद, सरकार और भी बड़े कदमों की ओर बढ़ रही है। उन्होंने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और दूरसंचार कंपनियो |

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Noida Call Center Busted: 25 Arrested in International Cyber Fraud Operation

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नोएडा, उत्तर प्रदेश में एक प्रमुख साइबर घोटाला, विशेषकर संयुक्त रूप से यूएस नागरिकों को लकड़ी, को बुरा भुगतान किया गया है। एक संयुक्त कार्रवाई में, लखनऊ के विशेष कार्रवाई दल के मुख्यालय और सेक्टर 58 पुलिस स्टेशन ने एक कॉल सेंटर से जुड़े 25 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया जिनका दावा है कि वे धांधली की योजना में शामिल थे।

कार्रवाई का तरीका:

कॉल सेंटर के कर्मचारी, विदेशी नागरिकों की भाषा में, कंप्यूटर सिस्टम्स और आईपी पतों के लिए तकनीकी समर्थन प्रदान करने के लिए नकली प्रतिष्ठान के प्रतिष्ठान बने हुए व्यक्तियों को संपर्क किया। उन्होंने बेहतरीन विचारनहीन पीड़ितों को ‘एनीडेस्क’ नामक एक ऐप डाउनलोड करने के लिए मना किया, जिससे धांधलीकर्ताओं को उनके कंप्यूटर को दूरस्थ रूप से नियंत्रित करने की अनुमति होती है। नियंत्रण में होने पर, धांधलीकर्ताओं ने अस्तित्व में ना होने वाली तकनीकी समस्याएं ठीक करने का दावा किया और विभिन्न ऑनलाइन ब्रैंड्स के लिए USD 100 से USD 500 तक के गिफ्ट कार्ड के रूप में पैसे बटोरे।

रेड और जब्त आइटम:

रेड के दौरान, प्राधिकृतिक ने 25 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और साक्षट्कार के साबित के रूप में 34 मोबाइल फोन, 22 कंप्यूटर सिस्टम, चार लैपटॉप, और पांच इंटरनेट राउटर जब्त किए।

संदिग्ध:

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों का नाम जयंत लाल, मानिक सिवाच, मोहम्मद साबिर, शिवा कश्यप, मोहित ग्रोवर, आदिल रिज़वी, दिव्यम शर्मा, ऋतिक मल्होत्रा, सक्षम मल्होत्रा, हिमांशु भारद्वाज, रोहित यादव, अंकुर सोनी, कैलाश शाही, फिरोज आलम, भूपेंद्र सिंह यादव, अफरोज़ खान, युधिष्ठिर कुमार, मनीष तिवारी, गौतम सहगल, यश मक्कड़, अनुभव त्यागी, संजीत, चंद्रपाल सिंह, नीरज यादव, और नदीम के रूप में पहचाने गए हैं।

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