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जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री वॉन्ग के साथ फोन पर हुई चर्चा

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फाइल तस्वीरें: केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आज अपनी ऑस्ट्रेलियाई सहयोगी पेनी वॉन्ग के साथ एक फोन पर चर्चा की। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, डॉ. जयशंकर ने कहा कि उन्होंने दुनिया की स्थिति पर अपने विचार विनिमेय किए और भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग पर चर्चा की, जिसमें क्वॉड के माध्यम से शामिल है।

डॉ. जयशंकर ने यह सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से साझा किया। इस बारे में और अधिक विवरण उपलब्ध नहीं है।

यह खबर विकसित हो रही है, और और जानकारी के लिए हमें जारी रखें।

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लखनऊ/मेरठ – भाजपा नेता पं० सुनील भराला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की भेंट, “मेरठ महोत्सव” की सफलता के लिए जताया आभार

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लखनऊ/मेरठ – भाजपा नेता पं० सुनील भराला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की भेंट, “मेरठ महोत्सव” की सफलता के लिए जताया आभार

भाजपा के वरिष्ठ नेता व उत्तर प्रदेश सरकार के निवर्तमान राज्यमंत्री पं० सुनील भराला ने आज दिनांक 01 जनवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उन्होंने मेरठ में हाल ही में आयोजित “मेरठ महोत्सव” की सफलता के लिए मुख्यमंत्री और प्रशासन का आभार व्यक्त किया।

श्रमिकों की समस्याओं पर चर्चा

पं० भराला ने मुख्यमंत्री के समक्ष उत्तर प्रदेश के श्रमिकों की समस्याओं को रखा। उन्होंने ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों को कम वेतन देने और वेतन में देरी जैसी समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया। साथ ही, श्रमिक कल्याण योजनाओं को धरातल पर लागू करने और श्रमिकों तक इनका लाभ पहुंचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया।

महाकुंभ के लिए निमंत्रण

पं० भराला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राष्ट्रीय परशुराम परिषद की ओर से आगामी महाकुंभ में शामिल होने का निमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि यह कुंभ भगवान श्री परशुराम जी के योगदान और जीवन के अनुसंधान को समर्पित होगा। इस आयोजन में भगवान परशुराम के 56 प्रमुख स्थलों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

महाकुंभ की विशेषताएं

महाकुंभ आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। इसमें:

भगवान परशुराम पर प्रवचन होंगे।

1 लाख 8 हजार मूर्तियों का वितरण किया जाएगा।

साधु-संतों के मार्गदर्शन में कथा और भंडारा होगा।

भारतभर से लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।

पं० भराला ने मुख्यमंत्री के निमंत्रण स्वीकार करने पर आभार व्यक्त किया और इस भव्य आयोजन को ऐतिहासिक बनाने की प्रतिबद्धता जाहिर की।

 

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Meerut News | गंजे लोगों के सिर पर बाल उगाने का झांसा देकर धोखाधड़ी, तीन आरोपी गिरफ्तार

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गंजे लोगों के सिर पर बाल उगाने का झांसा देकर धोखाधड़ी, तीन आरोपी गिरफ्तार

मेरठ। गंजे लोगों के सिर पर बाल उगाने का दावा करने वाले धोखाधड़ी के तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। ये आरोपी तेल लगाने और इलाज के नाम पर लोगों से पैसे लेकर उन्हें झांसा दे रहे थे। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें समीर, इमरान खान और सलमान शामिल हैं। इन आरोपियों का संबंध बिजनौर और दिल्ली से है।

घटना का विवरण
प्रहलाद नगर के निवासी शादाब राव ने लिसाड़ी गेट थाना में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। शादाब ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें और अन्य लोगों को यह दावा किया था कि उनके सिर पर बाल उग सकते हैं, इसके लिए महंगे तेल का इस्तेमाल किया जाएगा। कई दिन से लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र में चार खंभा के पास आरोपियों द्वारा बाल उगाने के नाम पर भारी भीड़ जमा की जा रही थी, जहां लोग धोखाधड़ी का शिकार हो रहे थे।

गिरफ्तारी
पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में समीर, इमरान खान और सलमान शामिल हैं, जो बिजनौर और दिल्ली के निवासी हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने कई लोगों को तेल और इलाज के नाम पर धोखा दिया और पैसे ऐंठे।

पुलिस कार्रवाई
लिसाड़ी गेट थाना के अधिकारियों ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ जारी रखते हुए मामले की जांच तेज कर दी है।

यह घटना धोखाधड़ी के एक और उदाहरण के रूप में सामने आई है, जहां लोग नकली दावों के जरिए लोगों को फंसा रहे हैं। पुलिस की सक्रियता से अब धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

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Meerut News | संयुक्त किसान मोर्चा ने बिजली निजीकरण के खिलाफ राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

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संयुक्त किसान मोर्चा ने बिजली निजीकरण के खिलाफ राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

लखनऊ, 4 दिसंबर 2024: संयुक्त किसान मोर्चा, उत्तर प्रदेश ने आज राज्य के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में योगी सरकार द्वारा बिजली विभाग के निजीकरण के फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की गई है।

किसान मोर्चा का आरोप है कि दक्षिणांचल और पूर्वांचल वितरण निगमों के निजीकरण का फैसला गरीब और मेहनतकश जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालेगा। उनका कहना है कि इससे बिजली की कीमतें बढ़ेंगी, लाखों बिजली कर्मी बेरोजगार होंगे, और किसानों की मुश्किलें और बढ़ेंगी।

ज्ञापन में किसानों ने सरकार से निम्नलिखित मांगे रखीं:

1. बिजली के किसी भी हिस्से के निजीकरण पर पूर्ण रोक लगाई जाए।

2. बिजली संशोधन बिल 2022 वापस लिया जाए।

3. पंजाब की तर्ज पर हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाए।

4. स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना को तत्काल रद्द किया जाए।

5. किसानों को नलकूपों के लिए 18 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

6. बिजली खपत के अतिरिक्त किसी भी प्रकार का अधिभार बंद किया जाए।

7. ग्रामीण क्षेत्रों में जबरन बढ़ाए गए लोड को वापस लिया जाए।

8. बिजली विभाग में सभी खाली पदों को भरा जाए और संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए।

9. हड़ताल पर लगाए गए प्रतिबंधात्मक आदेशों को तुरंत हटाया जाए।

 

किसानों ने कहा कि बिजली आम आदमी के जीवन का मूलभूत हिस्सा बन चुकी है। इसे निजी हाथों में सौंपने का प्रयास जनविरोधी है और राज्य सरकार की नीतियों के कारण घाटे का बहाना बनाकर निजीकरण की कोशिश की जा रही है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने राज्यपाल से अपील की है कि वे राज्य सरकार को इस फैसले को वापस लेने और सस्ती एवं सुगम बिजली व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दें।

संयुक्त किसान मोर्चा ने सस्ती बिजली की मांग पर उठाई आवाज

लखनऊ, 4 दिसंबर 2024: उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के खिलाफ किसानों का आक्रोश जारी है। आज संयुक्त किसान मोर्चा ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि बिजली के निजीकरण का फैसला राज्य के करोड़ों किसानों और गरीब जनता के लिए घातक साबित होगा।

किसानों ने आरोप लगाया कि बिजली के निजीकरण से न केवल बिजली महंगी होगी, बल्कि लाखों कर्मचारियों की नौकरियां भी खतरे में पड़ेंगी।

मोर्चा ने निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखीं:

1. बिजली के निजीकरण पर रोक लगाई जाए।

2. 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाए।

3. स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना को रद्द किया जाए।

4. ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली लोड में की गई बढ़ोतरी वापस ली जाए।

5. बिजली विभाग में सभी खाली पदों को भरा जाए और कर्मचारियों को नियमित किया जाए।

 

संयुक्त किसान मोर्चा ने जोर दिया कि यदि सरकार ने निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया, तो किसानों का आंदोलन और तेज होगा।

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