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Meerut news | मेरठ बार एसोसिएशन के वार्षिक 2024-25 का चुनाव, मैदान में वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट रोहिताश्व अग्रवाल, विरोधी पैनल के उखड़े पांव

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मेरठ| मेरठ बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव 2024-25 के लिए इस बार मुकाबला रौचक होने वाला हैं। अध्यक्ष पद के लिये वरिष्ठ विद्वान अधिवक्ता और उत्तर प्रदेश बार काउंसिल इलाहाबाद के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान सदस्य एडवोकेट और मेरठ बार एसोसिएशन के पांच बार अध्यक्ष व तीन बार महामंत्री रहे रोहिताश्व अग्रवाल ने स्वयं अपने नाम को आगे कर विरोधी पैनल को अचम्भे में डाल दिया हैं और मेरठ बार में सर्दी में गर्मी का अहसास करा दिया हैं। बार के अधिवक्ताओं में सुगबुगाहट शुरू हो गयी हैं, कि वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट रोहिताश्व अग्रवाल के सामने विरोधी अब कहा ठहर पाएंगे, क्योंकि एडवोकेट रोहिताश्व अग्रवाल मेरठ बार के इतिहास के वो मंझे हुए खिलाड़ी हैं, जहां वे खड़े हो जाते हैं, वही जीत की इबारत लिख देते हैं। एडवोकेट रोहिताश्व अग्रवाल का आज तक का अविविजीत रिकॉर्ड रहा हैं, कि आपने हमेशा अपने विपक्ष को धूल चटाई हैं। इसलिए विपक्षी पैनल में सन्नाटा छा गया हैं और नए सिरे से अपनी चुनावी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। उनका अगर रिकॉर्ड देखे तो मेरठ बार मे सर्वप्रथम आप मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री पद पर सन 1988-89 में अपनी किस्मत आजमाई और विजयश्री लिखी। इसके बाद अगले वार्षिक चुनाव में भी दोबारा महामंत्री पद पर चुने गए और अपने आपको साबित किया कि सोशल इंजीनियरिंग के जरिये भी मेरठ बार में जीत की गाथा लिखी जा सकती हैं। इसके बाद 1991-92 में भी फिर महामंत्री बनकर शतरंज के इक्का साबित हुए। मेरठ बार की सेवा करते हुए मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए 1998-99 और 1999-2000 में लगातार दो बार अध्यक्ष पद को सुशोभित कर विरोधी पैनल के पैर उखाड़ दिए। इसके बाद एक बार फिर सत्र 2006-07 के लिए अध्यक्ष बने और इसी सत्र में यूपी बार काउंसिल इलाहाबाद के अध्यक्ष भी चुने गए और क्रांतिधरा मेरठ की सरजमीं से पहली बार इस पद पर विराजमान होकर इतिहास लिखते हुए अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिख दिया। ततपश्चात 2015-16 व 2017-18 के चुनाव में फिर से मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाकर दिखा दिया कि मेरठ बार के वे विजेता खिलाड़ी हैं और यह पद उन्ही के लिए ही बना हैं। इसके बाद फिर से यूपी बार चुनाव में धुंआधार प्रदर्शन करते हुए सत्र 2020-21 के यूपी बार काउंसिल इलाहाबाद के दोबारा से अध्यक्ष चुने गए। अभी वर्तमान में एडवोकेट रोहिताश्व अग्रवाल यूपी बार काउंसिल के पांच वर्षों के लिये 2019-24 तक के लिए सदस्य भी हैं। वरिष्ठ विद्वान अधिवक्ता एडवोकेट रोहिताश्व अग्रवाल मेरठ बार ही नही पश्चिमी यूपी के मजबूत स्तम्भ माने जाते हैं। साथ ही पश्चिमी यूपी में इलाहाबाद हाईकोर्ट बैंच की लड़ाई के लिए महती भूमिका अदा करते रहे हैं और हमेशा अग्रणी पंक्ति में खड़े रहते हैं। मेरठ में हो या पश्चिमी यूपी के अधिवक्ताओं के संघर्षो की लड़ाई में वे हमेशा आगे रहते हैं। बुधवार को मेरठ बार के सर्वसमाज के अधिवक्ताओं ने पंडित नानकचंद सभागार में सर्वसम्मति से आगामी 8 फरवरी को होने वाले बार चुनाव में एडवोकेट रोहिताश्व अग्रवाल को भारी मतों से जिताने का संकल्प लिया और फूल मालाओं के साथ उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट धर्मेंद्र कुमार मीवा, अनुसूचित जाति अधिवक्ता संघ अध्यक्ष एड0सतीश कुमार राजवाल, उपाध्यक्ष एड0अनिल सहगल, कोषाध्यक्ष एड0 रमेशचंद, उप कोषाध्यक्ष एड0 अरविंद कुमार दबथुवा, एड0 रजनीश कुमार खजूरी, अरविंद हितैषी, एड0 महेंद्र सिंह, एड0 विजय प्रबोध, एड0 सन्दीप भटीपुरा, एड0 रामशरण, एड0 सुभाष रतन, एड0 सतीश भारती, एड0 योगेंद्र तोड़ीवाल, एड0 सतेंद्र सिंह, एड0 राजकुमार काजीपुर, सपा लीगल सेल उपाध्यक्ष एड0 ललित यादव, एड0 मित्तल प्रसाद, एड0 नेपाल सिंह सागर, एड0 नीरज कुमार, एड0 मुस्तकीम एड0 शेरजमा खान, एड0 परवेज आलम, कय्यूम अली, रंजीत यादव, नरेश कुमार गुर्जर, संतपाल भाटी, मुकुल जैन, पंकज जैन, अश्विनी गोयल, सतीचंद गुप्ता, यशोदा यादव, अर्चना सिंह, डॉ दीपक नागर, सन्दीप सिंह, कमरुद्दीन सैफी एडवोकेट्स आदि ने समर्थन दिया।

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मेरठ: हापुड़ अड्डा चौराहा बना जाम का अड्डा, ठेले-रेहड़ी और ई-रिक्शा वालों की मनमानी से यातायात व्यवस्था ठप।

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मेरठ: हापुड़ अड्डा चौराहा बना जाम का अड्डा, ठेले-रेहड़ी और ई-रिक्शा वालों की मनमानी से यातायात व्यवस्था ठप।

मेरठ। शहर के प्रमुख हापुड़ अड्डा चौराहे पर यातायात व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। ठेले-रेहड़ी और ई-रिक्शा वालों की मनमानी ने इस क्षेत्र को जाम का अड्डा बना दिया है। अधिकारियों के तमाम प्रयास और आदेशों के बावजूद हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे।

चौराहे पर बढ़ती अव्यवस्था।

हापुड़ अड्डा चौराहे पर ई-रिक्शा की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ठेले-रेहड़ी वाले अब सड़क के बीचों-बीच सामान बेचने से भी नहीं हिचक रहे हैं। इस कारण राहगीरों और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नौचंदी, लिसाड़ी गेट और कोतवाली थाना क्षेत्र के इस व्यस्त इलाके में ट्रैफिक पुलिस की उदासीनता ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।

आमजन की समस्या लगातार बनी हुई है 

स्थानीय लोगों और वाहन चालकों का कहना है कि चौराहे पर अक्सर जाम लग जाता है, जिससे उनका समय और ऊर्जा दोनों बर्बाद होती हैं। पैदल चलने वाले लोगों को सड़क पार करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। “लगता है जैसे सड़क पर चलने का अधिकार अब ठेले और ई-रिक्शा वालों का हो गया है,” एक राहगीर ने नाराजगी जताई।

प्रशासनिक कार्रवाई नदारद।

हालांकि ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने के दावे किए जाते हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। यह समस्या केवल यातायात को बाधित नहीं कर रही बल्कि आमजन की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन गई है।

स्थायी समाधान की मांग।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि हापुड़ अड्डा चौराहे पर स्थायी समाधान के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। ई-रिक्शा और ठेले-रेहड़ी वालों के लिए अलग से स्थान चिन्हित किया जाए ताकि यातायात सुचारू हो सके।

 

अब देखना यह है कि प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस इस गंभीर समस्या का समाधान कब तक निकालती है। फिलहाल, हापुड़ अड्डा चौराहा बदइंतजामी और अराजकता का प्रतीक बनता जा रहा है।

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Meerut : अब्दुल्लापुर स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर कब्जे का आरोप, सीएमओं ने जांच बिठाई।

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वार्ड 17 अब्दुल्लापुर: स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर कब्जे का आरोप, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किराए पर चलने को मजबूर

मेरठ। वार्ड 17 अब्दुल्लापुर में स्वास्थ्य विभाग की अपनी जमीन होते हुए भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किराए के भवन में चल रहा है। इस मुद्दे पर बाबा समाजवादी साहब अंबेडकर वाहिनी के महानगर अध्यक्ष मुकेश कुमार जाटव ने 23 दिसंबर 2024 को जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।

पूरे मामले में शिकायत की गई थी।

मुकेश कुमार जाटव ने बताया कि वर्ष 2012 में जिला प्रशासन द्वारा 15वें वित्त आयोग के तहत परिवार कल्याण केंद्र के लिए ग्राम अब्दुल्लापुर में 300 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई थी। हालांकि, इस जमीन पर सुषमा पत्नी सुरेंद्र ने कथित रूप से कब्जा कर लिया है और अब उस पर निर्माण कार्य जारी है।

इससे पहले तहसील और नगर निगम की टीम द्वारा की गई जांच में पुष्टि हुई थी कि परिवार कल्याण केंद्र की जमीन पर चारदीवारी और गेट बनाया गया है। स्थानीय लोगों और शिकायतकर्ताओं ने दावा किया है कि कब्जाधारी अब उस जमीन पर निर्माण कार्य तेज़ी से पूरा कर लेंटर डालने की तैयारी कर रहे हैं।

शिकायतकर्ता का आरोप चिकित्सा अधिकारी का प्रयास बेअसर,  लेकिन सीएमओ हुए सख्त

चिकित्सा अधिकारी ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए स्वास्थ्य विभाग के केपी जैन को मौके पर भेजा, लेकिन निर्माण कार्य रोकने में अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी अशोक कटारिया ने एसपी देहात से पूरे मामले का संज्ञान लेने और पुलिस कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है थाना भावनपुर पुलिस को अधिकृत किया गया है कैसे पूरे मामले में अग्रिम जांच कर कार्रवाई करें

ग्रामीणों ने की मांग, मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाए और क्षेत्र में अस्पताल बनाया जाए

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कब्जा हटाकर जमीन को अस्पताल के लिए उपयोग में लाया जाए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में सरकार द्वारा परिवार कल्याण केंद्र के निर्माण के लिए 30.42 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे, लेकिन जमीन पर कब्जे के कारण यह राशि अभी तक उपयोग में नहीं आ पाई है।

जिला प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद

ग्रामीणों और मुकेश कुमार जाटव ने जिला अधिकारी से इस मामले में हस्तक्षेप कर निर्माण कार्य को रुकवाने और कब्जा हटाने की मांग की है। साथ ही, परिवार कल्याण केंद्र का भवन जल्द से जल्द बनवाने की अपील की है ताकि स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो सकें।

स्थानीय निवासियों की आवाज
ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते प्रशासन ने कदम नहीं उठाया, तो कब्जाधारी लोग निर्माण कार्य पूरा कर लेंगे। इस पर जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।

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मेरठ: वार्ड 17 में परिवार कल्याण केंद्र की जमीन पर कब्जे का मामला, जिला अधिकारी से शिकायत

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मेरठ: वार्ड 17 में परिवार कल्याण केंद्र की जमीन पर कब्जे का मामला, जिला अधिकारी से शिकायत

मेरठ। बाबा समाजवादी साहब अंबेडकर वाहिनी के महानगर अध्यक्ष मुकेश कुमार जाटव ने आज 23 दिसंबर 2024 को जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर वार्ड 17 अब्दुल्लापुर में परिवार कल्याण केंद्र की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे के मामले में शिकायत दर्ज कराई।

जमीन परिवार कल्याण केंद्र के लिए हुई थी आवंटित

 

वर्ष 2012 में जिला अधिकारी द्वारा 15वें वित्त आयोग के तहत ग्राम अब्दुल्लापुर में परिवार कल्याण केंद्र के लिए 300 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई थी। इस भूमि पर पूर्व में शिकायतें मिलने के बाद तहसील और नगर निगम की टीम ने जांच की थी। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, सुषमा पत्नी सुरेंद्र ने उक्त भूमि पर चारदीवारी और गेट बनाकर कब्जा किया था।

निर्माण कार्य जारी, रुकवाने की कोशिशें विफल

ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में सुषमा द्वारा भूमि पर अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है। जब यह मामला चिकित्सा अधिकारी के संज्ञान में आया तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के के.पी. जैन को भेजकर कार्य रुकवाने का प्रयास किया। हालांकि, निर्माण कार्य अब भी जारी है, और कब्जाधारियों द्वारा जल्द ही लेंटर डालने की तैयारी की जा रही है।

ग्रामीणों की मांग: कब्जा हटाकर अस्पताल का निर्माण किया जाए

ग्रामीणों ने जिला अधिकारी से अपील की है कि परिवार कल्याण केंद्र के लिए आवंटित भूमि से कब्जा हटवाया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में अस्पताल निर्माण के लिए सरकार द्वारा 30.42 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे। इस धनराशि का उपयोग कर जल्द से जल्द परिवार कल्याण केंद्र का निर्माण शुरू कराया जाए ताकि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।

महानगर अध्यक्ष मुकेश कुमार जाटव ने कहा, “यह मामला जनहित से जुड़ा है। अस्पताल निर्माण के लिए आवंटित जमीन पर कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए यह भूमि उपयोग में लाई जा सके।”

यह मामला अब जिला प्रशासन के संज्ञान में है, और ग्रामीणों को उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान होगा।

 

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