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Meerut news | धर्मेन्द्र मीवा मेरा चाणक्य उसकी स्ट्रैटजी, मैनेजमेंट व थिंक टैंक ने मुझे जिताया : रोहिताश्व अग्रवाल।

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मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच के लिए आंदोलन की अगुवाई करने वाली मेरठ बार एसोसिएशन की प्रबंध समिति के चुनाव वर्ष 2024-25 के लिये रिकॉर्ड छठी बार नवनिर्वाचित अध्यक्ष बनने पर वरिष्ठ अधिवक्ता रोहिताश्व कुमार अग्रवाल ने अपनी टीम को हाथ जोड़कर तहे दिल से शुक्रिया अदा किया और अधिवक्तागणों की प्रत्येक समस्याओं में कंधे से कंधा मिलाकर साथ रहने और साथ देने का वादा किया। दिनांक 09/02/2024, दिन शुक्रवार को मेरठ बार सभागार में मेरठ बार एसोसिएशन के चुनाव की काउंटिंग पर जब देर रात्रि को बार चुनाव संचालन समिति की ओर से रोहिताश्व कुमार अग्रवाल की जीत की घोषणा की गई तो मेरठ जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में लड्डू, अबीर गुलाल, पटाखों और फूल मालाओं के साथ हजारों की संख्या में अधिवक्ता समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा और समर्थकों ने जीत की खुशी में ढोल नगाड़ों के साथ जमकर जश्न मनाया और रोहिताश्व कुमार अग्रवाल की जोरदार नारेबाजी करते हुए उन्हें कंधे पर बैठाकर पूरी कचहरी परिसर का चक्कर लगाते हुए जमकर डांस किया। अधिवक्तागणों ने एक दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद देते हुए फूलों की होली खेली और ईद व दिवाली दोनों साथ मनाई और खूब जश्न मनाया। इस दौरान हजारों की तादाद में कचहरी परिसर में इकट्ठा हुए अधिवक्ता समर्थकों को देखकर नवनिर्वाचित अध्यक्ष रोहिताश्व कुमार अग्रवाल गदगद नजर आए। उनके चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी। कचहरी परिसर काफी देर तक करतल ध्वनि व जोशीले नारेबाजी से गूंजता रहा। रोहिताश्व कुमार अग्रवाल ने समर्थकों को शांत करते हुए उन्हें जीत का श्रेय दिया और कहा कि आपकी कम दिनों की दिन रात की मेहनत रंग लेकर आई। ये जीत मेरी नही आपकी अपनी जीत हैं और इसका मैं ताउम्र आभारी रहूंगा। ये कर्ज मैं कभी नही उतार पाऊंगा।

उन्होंने खास तौर पर अधिवक्ता धर्मेन्द्र कुमार मीवा का नाम लेकर उन्हें अपना चाणक्य बताते हुए उनकी टीम मैनेजमेंट, थिंक टैंक व इलेक्शन स्ट्रैटजी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि अधिवक्तागण मेरा परिवार हैं और मैं अधिवक्ताओं की सभी समस्याओं को साथ लेकर चलूंगा। मेरा चैम्बर हमेशा सभी के लिए 24 घण्टे खुला रहेगा। कभी भी कोई भी समस्या मेरे अधिवक्ता परिवार को आएगी, मैं पीछे नही हटूंगा और डटकर साथ खड़ा रहूंगा। उन्होंने कहा, कि जिन अधिवक्ताओं ने मुझे बम्पर वोटिंग कर मेरे विरोधियों को मात देने में मेरा साथ निभाया हैं और मुझे विजयी बनाया हैं।

उनका तो मैं आभारी रहूंगा ही और जिन्होंने मुझे वोट नही दिया उनका भी मैं शुक्रगुजार हूं, क्योंकि हम सबसे पहले अधिवक्ता हैं और सब मेरे लिए बराबर हैं। उन्होंने कहा, कि सर्वसमाज अधिवक्ताओं ने मुझे जिताने के लिए जो अथक परिश्रम किया वो न भूलने वाले पल हैं। उन्होंने इलेक्शन में किये गए सभी वादे पूरे करने का संकल्प लेते हुए विशेषकर युवा अधिवक्ताओं के लिए नए चैंबर की व्यवस्था, टूटी हुई बिल्डिंग का पुनःनिर्माण करने, महिलाओं की सुरक्षा समेत कचहरी परिसर में पार्किंग आदि के सम्बंध में समस्त समस्याओं को पूरा करने की बात कही। उन्होंने एससी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सतीश कुमार राजवाल, अनिल सहगल, विनोद कुमार, अरविन्द कान्त हितैषी, नसीब सैफी, रूबी वर्मा, रूबी मलिक, अरुण जाटव, रजनीश खजूरी, राजकुमार, सुभाष नागर, संजय कटारिया, संदीप भटीपुरा, अरविन्द कुमार, विजय प्रबौद्ध, नरेश कुमार गुर्जर, तरूण कुमार गुर्जर, रणजीत सिंह यादव, अजीत सिंह यादव, नागेंद्र सिंह यादव, ललित यादव, राजपाल चौधरी, राम अवतार मित्तल, सतीश चंद्र गुप्ता, मुकेश मित्तल, पंकज जैन अध्यक्ष वैश्य समाज, मुस्लिम समाज के वरिष्ठ अधिवक्ता परवेज आलम, शेरजमा खान, अब्दुल जब्बार, मजहर अली, लियाकत भाई, कमरुद्दीन सैफी, कय्यूम भाई, कुंवर असलम खान, सरताज आलम गाजी, सरताज अहमद समेत समस्त कोर कमेटी के अधिवक्ताओं को जीत का श्रेय दिया और मुबारकबाद दी। इस दौरान उन्होंने अपने पैनल के जीते हुए प्रत्याशियों को भी बधाई दी और हारे हुए अपने पैनल के समस्त पदाधिकारियों का हौसलाअफजाई करते हुए नई ऊर्जा के साथ भविष्य की रणनीति में जुट जाने की अपील की। वहीं, अधिवक्ता धर्मेन्द्र कुमार मीवा ने सभी अधिवक्ताओं का आभार जताते हुए कहा कि हमारा टारगेट अर्जुन के तीर की तरह केवल अपने निशाने पर था और अध्यक्ष पद हासिल करना था, जिसमें सभी ने मेहनत की और सामूहिक रूप से काम करते हुए सहयोग किया। हम अपनी टीम को साइलेंट और पेशंस के साथ कार्य करते हुए प्रोत्साहित करते रहे, जिसका नतीजा बेहतरीन जीत के रूप में मिला। उन्होंने महिला अधिवक्ताओं की वोट हासिल करने में मौसी यशोदा यादव एडवोकेट के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें भी धन्यवाद दिया। अंत में उन्होंने अध्यक्ष रोहिताश्व कुमार अग्रवाल को इलाहाबाद बार काउंसिल के चुनाव के लिए तैयारी करने व उपस्थित अधिवक्ताओं को कमर कसने और अभी से ही जुट जाने की अपील भी की।

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मेरठ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चौपाल लगाकर किया अमित शाह की टिप्पणी का विरोध

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मेरठ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चौपाल लगाकर किया अमित शाह की टिप्पणी का विरोध

मेरठ। आज जनपद मेरठ में कंकरखेड़ा के सतीश चौक स्थित रविदास मंदिर, सरधना कस्बे के मोहल्ला भाटवाड़ा, सोफीपुर, नगर पंचायत सिवालखास, और ग्राम बातनोर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं के सामने कांग्रेस पार्टी ने चौपाल कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व जिला अध्यक्ष अवनीश काजला ने किया।

अमित शाह के बयान पर कड़ा विरोध

चौपाल कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी को आपत्तिजनक और अपमानजनक बताया। जिला अध्यक्ष अवनीश काजला ने कहा, “यह टिप्पणी बाबा साहेब की अद्वितीय विरासत और करोड़ों भारतीयों की भावनाओं का घोर अपमान है। अमित शाह को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।”

बाबा साहेब को किया नमन, अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी

कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब की प्रतिमाओं को नमन कर हुई। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी की और उनके इस्तीफे की मांग की।

कार्यक्रम में शामिल नेता और कार्यकर्ता

इस कार्यक्रम में महानगर अध्यक्ष जाहिद अंसारी, प्रदेश सचिव रंजन शर्मा, संजय कटारिया, प्रवीण कुमार, बबली देवी, हरि सिंह कटारिया, कमल जायसवाल, ब्लॉक अध्यक्ष जानी खुर्द दिनेश उपाध्याय, इकरामुद्दीन अंसारी, इमरान अख्तर, राहत चौहान, गुलजार चौहान, सुमित विकल, अनिल प्रेमी, पवन थापा, डॉ. अशोक आर्य, दीन मोहम्मद, इरशाद सैफी, सोनम रानी, महेंद्र गुर्जर, विनोद सोनकर, राजू यादव, और अन्य कार्यकर्ता मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

सामाजिक न्याय की विरासत का सम्मान जरूरी

चौपाल में वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक हैं। उनकी विरासत का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर आंदोलन तेज करने की चेतावनी भी दी।

कार्यक्रम में शामिल लोगों ने सामूहिक रूप से बाबा साहेब के आदर्शों पर चलने और उनके प्रति सम्मान बनाए रखने की शपथ ली।

 

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Meerut News | ग्रह मंत्री अमित शाह के बयान पर विवाद: मेरठ के विधायकों ने की निंदा, माफी और इस्तीफे की मांग

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ग्रह मंत्री अमित शाह के बयान पर विवाद: मेरठ के विधायकों ने की निंदा, माफी और इस्तीफे की मांग

मेरठ। भारतीय संविधान निर्माता और दलितों के मसीहा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। गृह मंत्री अमित शाह के बयान की कड़ी निंदा करते हुए मेरठ के विधायकों ने इसे संविधान और अंबेडकरवादी समुदाय के सम्मान पर चोट करार दिया है।

विधायक अतुल प्रधान (विधानसभा क्षेत्र, सरधना) और विधायक रफीक अंसारी (विधानसभा क्षेत्र, मेरठ शहर) ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने गृह मंत्री से माफी और इस्तीफे की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि अमित शाह के बयान से करोड़ों अंबेडकर समर्थकों की भावनाएं आहत हुई हैं।

मंत्री पद से बर्खास्तगी और कानूनी कार्रवाई की मांग
ज्ञापन में राष्ट्रपति से अपील की गई है कि वे अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए गृह मंत्री को उनके पद से बर्खास्त करें और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करें।

विधायकों का कहना है कि जिस संविधान ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को उनके पद दिए हैं, उसकी रचना बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने की थी। ऐसे में गृह मंत्री द्वारा की गई टिप्पणी पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

समर्थन में आए कई दलित और पिछड़ा वर्ग संगठन
इस मुद्दे पर कई दलित और पिछड़ा वर्ग संगठनों ने भी अपना विरोध दर्ज किया है। संगठन के नेताओं का कहना है कि अंबेडकर के खिलाफ कोई भी अपमानजनक टिप्पणी सहन नहीं की जाएगी।

विरोध प्रदर्शनों के साथ ही ज्ञापन सौंपने का सिलसिला भी जारी है। मेरठ में कई जगहों पर इस मामले को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है।

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Hapur News | हापुड़ पुलिस ने संभल जाने से रोका, कानून व्यवस्था का हवाला

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हापुड़ पुलिस ने संभल जाने से रोका, कानून व्यवस्था का हवाला

योगी सरकार में मंदिरों का पुनः जीर्णोद्धार हो रहा है: पं. सुनील भराला
भगवान परशुराम जी का युग है, बालाजी व महादेव जी का उदय इसका प्रमाण: पं. सुनील भराला

मेरठ। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्यमंत्री पं. सुनील भराला का बुधवार को संभल जाने का कार्यक्रम अंतिम समय में रद्द हो गया। पं. भराला ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की थी कि 1978 में हुए दंगों के बाद से बंद श्री बालाजी महाराज के मंदिर को प्रशासन ने 46 वर्षों बाद खोला है। वे वहां भगवान श्री परशुराम जी की मूर्ति स्थापित करने और भगवान महादेव का 51 किलो दूध से दुग्धाभिषेक करने जा रहे थे।

प्रवास से पहले मची खलबली
संभल में उनके कार्यक्रम को लेकर देर रात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मेरठ पुलिस को पत्र लिखकर उन्हें रोकने के निर्देश दिए। हालांकि, पं. भराला देर रात उत्तर प्रदेश भवन, दिल्ली पहुंच गए, जिससे यह सूचना उन तक नहीं पहुंची। सुबह 8 बजे 150 गाड़ियों के काफिले के साथ वे दिल्ली से संभल के लिए रवाना हुए।

छिजारसी टोल प्लाजा पर रोका गया काफिला
हापुड़ के छिजारसी टोल प्लाजा पर भारी पुलिस बल तैनात था। यहां अधिकारियों ने उन्हें संभल जाने से रोकते हुए बताया कि जिले में निषेधाज्ञा लागू है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि 24 नवंबर को एडवोकेट कमीशन की कार्यवाही के बाद जिले में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी, पथराव और आगजनी हुई, जिससे जिले का माहौल संवेदनशील हो गया। जिलाधिकारी संभल ने 29 नवंबर को धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की थी।

कार्यकर्ताओं को दी जानकारी
स्थिति को समझते हुए पं. सुनील भराला ने हापुड़ और संभल में इंतजार कर रहे अपने कार्यकर्ताओं को सूचित किया कि स्थिति सामान्य होने के बाद वे फिर से संभल आकर भगवान श्री परशुराम जी की मूर्ति स्थापित करेंगे।

मीडिया से बातचीत
मीडिया से बात करते हुए पं. सुनील भराला ने कहा, “योगी सरकार में मंदिरों का जीर्णोद्धार हो रहा है, इसके लिए मुख्यमंत्री जी को बधाई। वर्तमान समय भगवान परशुराम जी का युग है। प्राचीन मंदिरों में बालाजी व महादेव जी का उदय इसका प्रमाण है।”

भाजपा के कई वरिष्ठ नेता काफिले में शामिल
पं. सुनील भराला के काफिले में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता विनय शर्मा, पूर्व सदस्य श्रम कल्याण परिषद विनोद शर्मा, मंडल अध्यक्ष राकेश शर्मा, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष प्रशांत वत्स, जिला महामंत्री मोनू त्यागी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।

कानून व्यवस्था के मद्देनजर पं. सुनील भराला को छिजारसी टोल प्लाजा से ही लखनऊ लौटना पड़ा।

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