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Pratapgarh news | प्रतापगढ़ पहुँचेगी राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा इमरान प्रतापगगढ़ी

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प्रतापगढ़ से खबर है जहा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की न्याय यात्रा कल सुबह 9 बजे प्रतापगढ़ पहुंचेगी,जिसको लेकर कांग्रेस के नेता तैयारियों में जुटे है,शहर के तमाम चौराहों पर राहुल गांधी की होडिंग लगाई गई है,राहुल गांधी प्रयागराज बॉर्डर से होकर प्रतापगढ़ में प्रवेश करेगे,शहर से होते हुए लालगंज जायेगे जहा से उनकी यात्रा अमेठी के लिए कूच करेगी,प्रतापगढ़ शहर के अंबेडकर चौराहा स्थित कांग्रेस कार्यालय पहुंचे मशहूर शायर और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने किया राहुल गांधी की न्याय यात्रा को लेकर प्रेस वार्ता, इस दौरान राहुल गांधी की न्याय यात्रा समेत अन्य मुद्दों पर भी उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा,

VO1–राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा लेकिन कि मोदी जी पहले भी कर्नाटक समेत आंध्र प्रदेश में जीत का दावा करते थे और इस बार भले ही वह 400 पार का दावा कर रहे हो, लेकिन 2024 में उनका यह बयान सिर्फ एक कोरा नारा बनकर रह जाएगा,उनका 10 साल का कार्यकाल पूरी तरीके से विफल रहा,

 

कांग्रेसियों नेता के भाजपा सदस्यता लेने के सवालों पर उन्होंने भाजपा को घेरा और कहा कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता ऐसे हैं जो डर की वजह से भाजपा में शामिल हो रहे हैं, उन्होंने कहा की कई नेताओं ने भाजपा जॉइन करने से पहले सोनिया जी से मुलाकात कर रोये और बताया की यदि वह भाजपा नही जॉइन करेंगे तो जेल चले जायेंगे,इसलिए कांग्रेस के नेता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे है,

 

वही अमेठी लोकसभा से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के मामले पर इमरान प्रतापगढ़ी ने बड़ा बयान दिया और उन्होंने कहा की अमेठी की जनता चाहती है कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़े और वह संभव है कि अमेठी से चुनाव लड़ेंगे,हालांकि अंतिम निर्णय कांग्रेस के हाई कमान को लेना है,

वही अमेठी में राहुल गांधी की न्याय यात्रा पहुंचने के ठीक पहले लगाई गई धारा 144 पर भी उन्होंने सरकार को घेरा और कहा कि वह सरकार से जानना चाहते हैं कि आखिर राहुल गांधी से इतना डर क्यों है,क्या भाजपा राहुल की न्याय यात्रा से डर गईं है,

बता दें की राहुल गांधी की न्याय यात्रा सोमवार को प्रतापगढ़ पहुंचेगी जहां उसके भव्य स्वागत के लिए राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी मुंबई से चलकर प्रतापगढ़ आए हैं और ऐतिहासिक स्वागत समारोह की तैयारी में पूरी कांग्रेस पार्टी जुट गई है, प्रेस वार्ता के दौरान इमरान प्रतापगढ़ी अपने शायराना अंदाज में कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को कभी न छोड़ने का संकल्प भी लिया,

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Meerut News | मेरठ में शहर काजी के चयन पर सियासत तेज, कारी शफीकुर्रहमान को किया गया मान्यता प्राप्त

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मेरठ में शहर काजी के चयन पर सियासत तेज, कारी शफीकुर्रहमान को किया गया मान्यता प्राप्त

मेरठ में शहर काजी के चयन को लेकर सियासत गरमा गई है। मंगलवार को हापुड़ रोड स्थित एक मंडप में कारी शफीकुर्रहमान कासमी के समर्थन में एक अहम बैठक हुई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस बैठक में सर्वसम्मति से कारी शफीकुर्रहमान को शहर काजी के रूप में मान्यता दी गई और आगे की प्रक्रिया पर विचार किया गया। इस फैसले के बाद अब सियासी हलचल तेज हो गई है।

शहर काजी चयन पर विवाद

दरअसल, हाल ही में दिवंगत शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन के बेटे डॉ. सालिकीन सिद्दीकी को शहर काजी बनाया गया था, जिसका शहर इमाम कारी शफीकुर्रहमान ने विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि शहर काजी पूरे शहर के लिए होता है, न कि किसी परिवार विशेष के लिए। उनका तर्क था कि कोई भी व्यक्ति केवल इसलिए काजी नहीं बन सकता क्योंकि वह पूर्व काजी का बेटा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि डॉ. सालिकीन सिद्दीकी इस जिम्मेदारी के योग्य नहीं हैं, क्योंकि वे हाफिज, मौलवी या कारी नहीं हैं।

कारी शफीकुर्रहमान ने अपने बयान में कहा , “कुछ लोग मिलकर किसी बच्चे को मुसलमानों पर थोप नहीं सकते। यह फैसला पूरे मुस्लिम समाज को करना चाहिए।” उन्होंने इस मामले को लेकर एक खुली बैठक बुलाने का आह्वान किया था। जो कि हापुड रोड पर की गई और वो ही हुआ जिसको लेकर सवाल उठ रहे थे, यहां कारी शफीकुर्रहमान को शहर काजी कुछ लोगो द्वारा मान लिया गया। और अब नया विवाद शुरू हो गया है, कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने पूर्व में इस सीट को अपनी मर्जी से दिवंगत काजी को देने की बात कही और कहा कि उन्होंने उस वक्त अपनी उम्र कम होने के लिहाज से तत्कालीन दिवंगत शहर काजी को अपना पद दे कर कुर्बानी दी थी अब उनके बेटे को शहर काजी बनाया गया है जो सही नही है यानी अब वह भी काजी परिवार से कुर्बानी मांग रहे हैं कि काजी के पद को उनके लिए छोड़ दिया जाए।

प्रो. जैनुस साजिद्दीन की अंतिम विदाई में उमड़ा था जनसैलाब

इस विवाद की शुरुआत दिवंगत शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन की अंतिम विदाई के दौरान हुई थी। उनके जनाजे में भारी भीड़ उमड़ी थी, जिसमें न केवल मेरठ बल्कि आसपास के जिलों से भी लोग शामिल हुए थे। चिश्ती पहलवान कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-ख़ाक किए गए प्रो. साजिद्दीन को हर वर्ग का सम्मान प्राप्त था।

उनकी सादगी और धार्मिक समर्पण की मिसालें दी जाती थीं। उन्होंने अपने अंतिम दिनों में होली और रमज़ान के जुमा की नमाज के समय में बदलाव की अपील की थी, ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे। उनके इस फैसले की सोशल मीडिया पर काफी प्रशंसा हुई थी।

आगे की राह और सियासी हलचल

अब जब कारी शफीकुर्रहमान को एक गुट द्वारा शहर काजी के रूप में मान्यता दे दी गई है, तो यह मामला और पेचीदा हो गया है। मुस्लिम समाज में इस फैसले को लेकर मतभेद गहराते जा रहे हैं। अब देखना होगा कि क्या डॉ. सालिकीन सिद्दीकी के समर्थन में कोई नया कदम उठाया जाता है या फिर कारी शफीकुर्रहमान की नियुक्ति पर मोहर लगती है।

मेरठ में इस मुद्दे को लेकर सियासी माहौल गरम हो चुका है, और आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है।

 

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Lucknow News | भाजपा प्रदेश कार्यालय में पं. सुनील भराला ने भेंट की भगवान परशुराम जी की मूर्ति एवं चालीसा

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भाजपा प्रदेश कार्यालय में पं. सुनील भराला ने भेंट की भगवान परशुराम जी की मूर्ति एवं चालीसा

राष्ट्रीय परशुराम परिषद का लक्ष्य: हर सनातन हिंदू के घर में भगवान परशुराम जी की मूर्ति स्थापित हो – पं. सुनील भराला

लखनऊ/मेरठ, 4 मार्च 2025 – उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता पं. सुनील भराला ने आज भाजपा प्रदेश कार्यालय, लखनऊ में वरिष्ठ पदाधिकारियों और कर्मचारियों को भगवान परशुराम जी की मूर्ति एवं चालीसा भेंट की।

इस दौरान भाजपा संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, कार्यालय प्रभारी भारत दीक्षित, पूर्व संगठन मंत्री अशोक जी, शिवकुमार पाठक, कमल ज्योति (प्रधान संपादक), राजकुमार सहित कई वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी और कार्यालय के सुरक्षा गार्ड व कर्मचारी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय परशुराम परिषद का उद्देश्य

इस अवसर पर पं. सुनील भराला ने कहा कि राष्ट्रीय परशुराम परिषद का मुख्य उद्देश्य है कि हर सनातन हिंदू के घर में अन्य देवी-देवताओं के साथ भगवान श्री परशुराम जी की मूर्ति भी स्थापित हो। उन्होंने बताया कि परिषद की राष्ट्रीय शोध पीठ ने भगवान परशुराम जी के जन्मस्थान जनापाव (इंदौर) से जुड़े 56 स्थानों की खोज की है। इन स्थानों की जानकारी को प्रदर्शनी और शोध के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया गया है।

इसके अलावा, भगवान परशुराम जी द्वारा 21 ऐतिहासिक युद्धभूमियों पर आतताइयों के वध और साधु-संतों व पीड़ितों को न्याय दिलाने की गाथा को भी प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख व्यक्ति

इस आयोजन में राष्ट्रीय परशुराम परिषद के विभिन्न पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:

श्री प्रकाश सेनानी मिश्रा – राष्ट्रीय सह संयोजक, सर्व व्यवस्था प्रमुख

श्री राघवेंद्र मिश्रा – प्रदेश महामंत्री संगठन, उत्तर प्रदेश

श्री सौरभ अवस्थी – क्षेत्रीय अध्यक्ष, अवध प्रांत

श्री प्रमिल मिश्रा – प्रदेश महामंत्री, परशुराम स्वाभिमान सेना

श्री मुनीष मिश्रा – व्यवस्था प्रमुख

श्रीमती अनु त्रिपाठी – परशुराम शक्ति वाहिनी

इस आयोजन के माध्यम से सनातन धर्म और भगवान परशुराम जी के प्रति श्रद्धा को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया।

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Dehli News | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के उल्लंघन के विरोध में प्रदर्शन की तैयारी

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के उल्लंघन के विरोध में प्रदर्शन की तैयारी

नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के कथित उल्लंघन के खिलाफ कदम उठाने का निर्णय लिया है। यह अधिनियम 15 अगस्त 1947 के बाद से सभी धार्मिक स्थलों की संरचना को बनाए रखने और सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया था।

कांग्रेस ने हाल के दिनों में इस अधिनियम के उल्लंघन के प्रयासों पर चिंता जताई है। पार्टी का मानना है कि इस प्रकार के कदम न केवल संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ हैं, बल्कि देश में सामाजिक एकता को भी खतरे में डाल सकते हैं।

कांग्रेस नेता जरार उमर एडवोकेट ने बताया कि पार्टी जंतर मंतर, दिल्ली पर एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बना रही है। इस प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार और संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित करना होगा कि पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।

इस अधिनियम का उद्देश्य धार्मिक स्थलों की संरचना को संरक्षित करना, सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखना, और ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व वाले स्थलों की पवित्रता को बनाए रखना है। पार्टी ने यह भी याद दिलाया कि राम जन्मभूमि विवाद को अधिनियम से अलग रखा गया था, ताकि उस समय का संवेदनशील मुद्दा प्रभावित न हो।

कांग्रेस ने देश की धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक शांति की रक्षा के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की है। प्रदर्शन की तिथि और अन्य जानकारी जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी।

 

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