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अगर लक्ष्मीकांत वाजपेई भी केशव मौर्य की तरह हाय-तौबा मचाते तो क्या होता?

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2017 में केशव प्रसाद मौर्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष थे और उनके नेतृत्व में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी। इस सफलता के बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया। मौर्य के समर्थक उनकी इस सफलता को बहुत अहम मानते हैं परंतु यह ध्यान देने वाली बात है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई का भी अहम योगदान रहा था।

लक्ष्मीकांत वाजपेई के नेतृत्व में 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में बेहतरीन प्रदर्शन किया था, जब केंद्र में कांग्रेस और राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। वाजपेई ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की। इसके बावजूद, 2017 के विधानसभा चुनाव में वाजपेई अपनी सीट हार गए और धीरे-धीरे राजनीतिक नेपथ्य में चले गए।

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2017 में डिप्टी सीएम पद के लिए लक्ष्मीकांत वाजपेई की दावेदारी मजबूत थी, लेकिन इस पद पर दिनेश शर्मा को नियुक्त किया गया। इसके बावजूद वाजपेई ने कभी भी हाय-तौबा नहीं मचाई, जैसा कि केशव मौर्य ने अपनी चुनावी हार के बावजूद उपमुख्यमंत्री बनने पर किया।

केशव मौर्य की पहचान 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले इतनी व्यापक नहीं थी। भाजपा ने उन्हें मौका दिया और प्रदेश अध्यक्ष बनाया, जिससे वे प्रदेश में पिछड़े वर्ग के प्रमुख नेता के रूप में उभरे। लेकिन आज, उनकी कार्यशैली और चुनावी रणनीति को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

लक्ष्मीकांत वाजपेई ने संघर्ष के दौर में भी धैर्य रखा और पार्टी को मजबूत किया। आज वे राज्यसभा के सदस्य हैं और उन्हें उत्तर प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाने की चर्चा भी चल रही है। केशव मौर्य को भी वाजपेई से सीख लेकर पार्टी के हित में काम करना चाहिए, जिससे भाजपा को और मजबूती मिल सके।

यह उदाहरण स्पष्ट करता है कि संघर्ष और धैर्य के साथ नेतृत्व करना महत्वपूर्ण होता है, बजाय इसके कि हाय-तौबा मचाई जाए। इस संदर्भ में केशव मौर्य को लक्ष्मीकांत वाजपेई से प्रेरणा लेनी चाहिए।

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Jhasi News | झांसी में भाई ने बहन की विदाई को हेलीकॉप्टर से किया यादगार

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झांसी में भाई ने बहन की विदाई को हेलीकॉप्टर से किया यादगार

झांसी हर दुल्हन का सपना होता है कि उसकी शादी यादगार बने, और इसके लिए परिवार वाले भी खास इंतजाम करते हैं। झांसी जिले में एक भाई ने अपनी बहन की विदाई को अनोखा और यादगार बनाने के लिए एक ऐसा कदम उठाया, जिसने सभी का ध्यान खींच लिया। इस भाई ने अपनी बहन की विदाई किसी महंगी कार या पालकी से नहीं, बल्कि हेलीकॉप्टर से कराई। यह नजारा ग्रामीणों के लिए भी अद्भुत था और उन्होंने इस दृश्य को बड़े उत्साह के साथ देखा।

झांसी के ग्राम पालर की रहने वाली दुल्हन पूजा यादव अपने परिवार में सबसे छोटी हैं। उनके दो बहनें और एक भाई हैं। पूजा की शादी मैरी गांव के रहने वाले जितेंद्र यादव के बेटे अभिषेक यादव के साथ संपन्न हुई। इस शादी को यादगार बनाने के लिए दोनों परिवारों ने कई विशेष इंतजाम किए।

विदाई के दिन पूजा के भाई ने अपनी बहन के लिए हेलीकॉप्टर से विदाई का इंतजाम किया। जब दूल्हा अभिषेक यादव दुल्हन को हेलीकॉप्टर से लेकर अपने गांव पहुंचे, तो वहां ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई इस अनोखी विदाई को देखने के लिए उत्साहित था। गांव में ढोल-नगाड़ों के साथ दूल्हा और दुल्हन का भव्य स्वागत किया गया।

इस अनोखे पल से न केवल दुल्हन पूजा, बल्कि दूल्हा अभिषेक भी काफी खुश नजर आए। यह विदाई समारोह सभी के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया और ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय भी रहा।

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Meerut News | सम्भल की घटना की निष्पक्ष CBI  जांच हो – आजाद समाज पार्टी काशीराम

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सम्भल की घटना की निष्पक्ष SBI  जांच हो – आजाद समाज पार्टी काशीराम

मेरठ। आजाद समाज पार्टी काशीराम ने राष्ट्रपति  के नाम अधिकारियो को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि सम्भल में हुई घटना की जांच माननीय उच्चतम न्यायालय की निगरानी में  सीबीआई से कराई जाए। ज्ञापन में बताया गया कि 24 नवंबर 2024 को सम्भल जनपद में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण गंभीर अराजकता और दंगा भड़क गया। इस घटना में चार नवयुवकों की मृत्यु हो गई तथा कई नागरिक और पुलिसकर्मी घायल हुए।

घटना के बाद से स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण बनी हुई है। स्थानीय लोग भय के कारण घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। स्कूल, कॉलेज, और बाजार बंद हैं, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा अज्ञात व्यक्तियों के नाम पर निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है, जिससे कानून-व्यवस्था और अधिक बिगड़ गई है।

आजाद समाज पार्टी काशीराम ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि इस घटना की निष्पक्ष जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराई जाए। साथ ही, अज्ञात मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने से रोका जाए और इलाके में शांति और सौहार्द बहाल किया जाए। पार्टी ने मांग की है कि गिरफ्तार निर्दोष लोगों को तत्काल रिहा किया जाए ताकि जनजीवन सामान्य हो सके।

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Meerut News | सुभारती विश्वविद्यालय में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन

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सुभारती विश्वविद्यालय में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट सेल द्वारा ‘‘अनुसंधान में नैतिकता का महत्व’’ विषय पर एक संकाय विकास कार्यक्रम (फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम) आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर प्रो. डॉ. आर. के. घई, प्रो. डॉ. वैभव गोयल भारतीय और प्रो. डॉ. रीना बिश्नोई मौजूद रहे।

कार्यक्रम की संयोजिका प्रो. डॉ. रीना बिश्नोई ने अतिथियों और संकाय सदस्यों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। प्रो. डॉ. आर. के. घई ने विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट सेल की भूमिका और उद्देश्य पर चर्चा की, जो संकाय सदस्यों के सतत विकास के लिए कार्यरत है।

प्रमुख अतिथि प्रो. डॉ. वैभव गोयल भारतीय ने ‘‘अनुसंधान में नैतिकता का महत्व’’ विषय पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने अनुसंधान में नैतिकता के नियमों, सही और गलत के बीच अंतर और शोधार्थियों के लिए आचार संहिता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने शोध में नैतिकता को अनुसंधान की सफलता के लिए आवश्यक बताया।

कार्यक्रम का समापन डॉ. प्रेमचन्द्र के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस आयोजन में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की सफलता में सोनल जैन, शालिनी गोयल, आशीष सिरोही, रोबिन भारद्वाज और महिपाल का विशेष योगदान रहा।

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