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Meerut News | अवैध अस्पतालों पर इलाहाबाद हाई कोर्ट सख्त, राज्य सरकार से कार्यवाही रिपोर्ट तलब

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अवैध अस्पतालों पर इलाहाबाद हाई कोर्ट सख्त, राज्य सरकार से कार्यवाही रिपोर्ट तलब

मेरठ: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता अंकुश चौधरी द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मेरठ में चल रहे अवैध अस्पतालों के खिलाफ राज्य सरकार से कार्यवाही की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मेरठ में 100 से अधिक अस्पताल अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि मेरठ में 350 अस्पतालों में से केवल 250 ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के अंतर्गत पंजीकृत हैं। उन्होंने आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि 2018-19 में सिर्फ 8 और 2019-20 में मात्र 4 अस्पताल ही अग्निशमन विभाग में पंजीकृत थे।

अधिवक्ता ने यह भी बताया कि इन अस्पतालों को आग से सुरक्षा के मानकों को पूरा करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उनमें से कई अस्पताल अब भी इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।

पूर्व घटनाओं से सबक नहीं लिया गया

याचिकाकर्ता ने हाल ही में झांसी के एक अस्पताल में आग लगने की घटना का जिक्र किया, जिसमें 12 नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। अधिवक्ता ने यह तर्क दिया कि ऐसे मामलों में प्रशासन की लापरवाही के कारण अस्पतालों में आग लगने की घटनाएं बार-बार हो रही हैं।

हाई कोर्ट का सख्त रुख

अदालत ने पहले भी इस मामले में सरकार से जवाब तलब किया था। हालांकि, वर्ष 2020 में सरकार ने कुछ अस्पतालों को केवल नोटिस जारी कर मामला खत्म कर दिया था। अब हाई कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि 22 जनवरी, 2024 तक उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण अधिनियम, 2005 के अंतर्गत उठाए गए कदमों की विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाए।

इस मामले में अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी, जिसमें अदालत सरकार की कार्यवाही का मूल्यांकन करेगी।

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National

Dehli News | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के उल्लंघन के विरोध में प्रदर्शन की तैयारी

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के उल्लंघन के विरोध में प्रदर्शन की तैयारी

नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के कथित उल्लंघन के खिलाफ कदम उठाने का निर्णय लिया है। यह अधिनियम 15 अगस्त 1947 के बाद से सभी धार्मिक स्थलों की संरचना को बनाए रखने और सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया था।

कांग्रेस ने हाल के दिनों में इस अधिनियम के उल्लंघन के प्रयासों पर चिंता जताई है। पार्टी का मानना है कि इस प्रकार के कदम न केवल संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ हैं, बल्कि देश में सामाजिक एकता को भी खतरे में डाल सकते हैं।

कांग्रेस नेता जरार उमर एडवोकेट ने बताया कि पार्टी जंतर मंतर, दिल्ली पर एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बना रही है। इस प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार और संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित करना होगा कि पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।

इस अधिनियम का उद्देश्य धार्मिक स्थलों की संरचना को संरक्षित करना, सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखना, और ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व वाले स्थलों की पवित्रता को बनाए रखना है। पार्टी ने यह भी याद दिलाया कि राम जन्मभूमि विवाद को अधिनियम से अलग रखा गया था, ताकि उस समय का संवेदनशील मुद्दा प्रभावित न हो।

कांग्रेस ने देश की धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक शांति की रक्षा के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की है। प्रदर्शन की तिथि और अन्य जानकारी जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी।

 

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Meerut News | सुभारती विश्वविद्यालय में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन

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सुभारती विश्वविद्यालय में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट सेल द्वारा ‘‘अनुसंधान में नैतिकता का महत्व’’ विषय पर एक संकाय विकास कार्यक्रम (फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम) आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर प्रो. डॉ. आर. के. घई, प्रो. डॉ. वैभव गोयल भारतीय और प्रो. डॉ. रीना बिश्नोई मौजूद रहे।

कार्यक्रम की संयोजिका प्रो. डॉ. रीना बिश्नोई ने अतिथियों और संकाय सदस्यों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। प्रो. डॉ. आर. के. घई ने विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट सेल की भूमिका और उद्देश्य पर चर्चा की, जो संकाय सदस्यों के सतत विकास के लिए कार्यरत है।

प्रमुख अतिथि प्रो. डॉ. वैभव गोयल भारतीय ने ‘‘अनुसंधान में नैतिकता का महत्व’’ विषय पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने अनुसंधान में नैतिकता के नियमों, सही और गलत के बीच अंतर और शोधार्थियों के लिए आचार संहिता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने शोध में नैतिकता को अनुसंधान की सफलता के लिए आवश्यक बताया।

कार्यक्रम का समापन डॉ. प्रेमचन्द्र के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस आयोजन में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की सफलता में सोनल जैन, शालिनी गोयल, आशीष सिरोही, रोबिन भारद्वाज और महिपाल का विशेष योगदान रहा।

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Meerut News | बैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय “एड्स अवेयरनेस वीक-2024” का शानदार समापन

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बैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय “एड्स अवेयरनेस वीक-2024” का शानदार समापन

बैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा 30 नवम्बर से 3 दिसम्बर तक आयोजित पांच दिवसीय एड्स जागरूकता सप्ताह का समापन समारोह भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों ने जागरूकता रैली, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक, डिबेट और राष्ट्रीय संगोष्ठी के माध्यम से आम जनता को एड्स से बचाव और रोकथाम के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) कमलेश लालचंदानी, सब-कंट्री हेड (भारत), जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, जापाइगो (NGO) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के पूर्व अधिकारी ने कहा, “एड्स की अभी तक कोई प्रभावी वैक्सीन नहीं है, इसलिए जानकारी और जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार ने एड्स के उपचार को निःशुल्क कर दिया है, जिससे संक्रमित व्यक्ति मुफ्त में जांच और इलाज करा सकते हैं।

संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष श्री सुधीर गिरि ने अपने संबोधन में कहा, “एड्स एक राष्ट्रीय अभिशाप है। हमें इसके समूल नाश के लिए जनजागरूकता अभियान को मिलकर सफल बनाना होगा।” प्रतिकुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी ने घोषणा की कि बैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय पूरे वर्ष स्वास्थ्य संस्थानों और स्वयंसेवी संगठनों के साथ मिलकर एड्स जागरूकता अभियान चलाएगा।

समारोह में छात्रों ने “रेड रिबन जागरूकता रैली” निकाली और महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। इस अवसर पर डीन डॉ. अतुल वर्मा, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. बी.एन. सिंह सहित अन्य प्रमुख शिक्षाविद् उपस्थित रहे।

इस पांच दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम में हजारों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और एड्स के प्रति समाज को जागरूक करने का संकल्प लिया।

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